PUBLISHED : 20-May-2016
नई दिल्ली : श्रम मंत्रालय द्वारा सरकारी योजना में किए गए बदलाव के मद्देनजर अब विशेष रूप से सक्षम, यौनकर्मी और अल्पवयस्क समेत सभी मुक्त किये गये बंधुआ मजदूरों को पुनर्वास के लिए अधिकतम तीन लाख रुपए मिलेंगे।
श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को कई कदमों की घोषणा की जिनमें मुक्त बंधुआ मजदूरों के लिए वित्तीय सहायता पैकेज में बढ़ोतरी और जबरन वेश्यावृत्ति, संगठित भिक्षावृत्ति, बाल श्रम आदि कराने पर रोक लगाने के लिए सख्त पहल शामिल हैं।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया, ‘हमने मुक्त किए गए बंधुआ मजदूरों की पुनर्वास योजना में बदलाव अधिसूचित किया है और इस संबंध में सभी संबद्ध अधिकारियों को निर्देश दिया है।’ योजना में बदलाव के मुताबिक विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों, मानव तस्करी एवं यौन शोषण से मुक्त कराई गईं महिलाओं तथा बच्चों और किन्नरों के लिए वित्तीय सहायता 20,000 रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दी गई।
महिलाओं और अल्पवयस्कों की विशेष श्रेणी में दो लाख रुपए प्रति व्यक्ति और सामान्य वयस्क पुरुष बंधुआ मजदूर को एक लाख रुपए मिलेंगे। पुनर्वास की यह राशि जिलाधीश द्वारा नियंत्रित वार्षिक वृत्ति खाते में जाएगी और हर महीने लाभार्थी के खाते में मासिक आय डाली जायेगी। खाते में आने वाले कोष पर फैसला जिलाधीश लेगा।
नए मानदंडों में संवेदनशील जिलों में बंधुआ मजदूरों के सर्वेक्षण के लिए 4.5 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। मंत्रालय जिला स्तर पर 10 लाख रुपए का एक स्थाई और नवीकरणीय कोष बनाया जाएगा। इसका इस्तेमाल केंद्र द्वारा प्रत्यक्ष अंतरण प्रणाली द्वारा वितरण से पहले कामचलाऊ प्रबंध के तौर पर किया जाएगा।