PUBLISHED : 01-Apr-2019
जयंत सिन्हा को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता यशवंत सिन्हा वाजपेयी सरकार (1998-2002) में वित्त मंत्री भी रहे। झारखंड की हजारीबाग सीट से यशवंत सिन्हा कई बार चुनाव लड़े। जयंत ने अपने पिता के चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया।
वर्ष 2014 में पहली बार हजारीबाग से ही उन्होंने किस्मत आजमाई और 16वीं लोकसभा के सदस्य बने। वर्ष 2014 में उन्होंने कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को 1,59,128 मतों से पराजित किया। वह 1998 से हजारीबाग में सक्रिय हैं।
वित्त मंत्रालय में भी रहे-
जयंत सिन्हा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हैं। इससे पहले वित्त राज्य मंत्री रहते जयंत कई सुधारों पर काम किया। पीएम मुद्रा योजना, सामाजिक सुरक्षा प्लेटफॉर्म जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को चलाने में मदद की।
परिवक्व राजनेता, नपातुला बयान
जयंत 55 साल के हैं। टिकट न मिलने पर उनके पिता पार्टी में रहते हुए भाजपा और सरकार को निशाने पर लेते रहे। इस दौरान परिपक्व बयान देकर हर वार का जवाब दिया। नोटबंदी,जीएसटी को लेकर विपक्ष के हमलों पर तार्किक बयान देकर सरकार के दबाव को कम किया।
विवाद में भी रहे
नवंबर 2017 में पैराडाइज पेपर्स में जयंत सिन्हा का नाम आया था। पैराडाइज पेपर्स ने उन फर्मों का खुलासा किया, जो अमीर लोगों को कर चोरी करने में मदद करती है। हालांकि जयंत इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं। इंफोसिस ने 2016 में उनकी पत्नी पुनीता कुमार सिन्हा को बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया था जिस पर काफी विवाद हुआ था। उनके दो पुत्र हैं।
निजी जीवन-
21 अप्रैल 1963 को गिरिडीह, झारखंड (तब बिहार) में जन्म
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए
पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से ऊर्जा प्रबंधन एवं नीति में और आईआईटी दिल्ली से स्नातक की डिग्री
राजनीतिक जीवन-
2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और जीते
1990 के दशक से ही राजनीति में सक्रिय
पिता यशवंत सिन्हा के चुनाव अभियान में अहम भूमिका निभाते रहे
1998 में पहली बार जयंत सिन्हा ने पिता के लिए प्रचार किया था
मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री के पद पर भी रहे
वर्तमान में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री
सोशल मीडिया प्रोफाइल-
3,30,560 फॉलोअर्स ट्विटर पर
2008 से ट्विटर पर सक्रिय हैं जयंत सिन्हा
15,500 से ज्यादा ट्वीट कर चुके हैं अब तक