PUBLISHED : 18-Jul-2015
नई दिल्ली। मोदी सरकार देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी में है। इसके तहत डिजिटलाइजेशन फंड बनाने से लेकर पीओएस मशीन पर ड्यूटी कम करने की तैयारी है। वित्त मंत्रालय इस संबंध में जल्द ही कैशलेस ट्रांजैक्शन पर अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश करेगा। कैशलेस ट्रांजैक्शन के जरिए सरकार ब्लैकमनी के इस्तेमाल पर लगाम कसना चाहती है।
ब्लैकमनी पर लगेगी लगाम
मोदी सरकार देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देकर ब्लैकमनी पर लगाम कसना चाहती है। इसके लिए मई में वित्त मंत्रालय ने ड्रॉफ्ट रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। इसमें कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए 29 जून तक सुझाव देने को कहा गया था। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मनी भास्कर को बताया इसको लेकर इंडस्ट्री से लेकर आम लोगों के अहम सुझाव आए हैं। जिसके आधार पर संबंधित पक्षों से बातचीत कर फाइनल रिपोर्ट जल्द जारी करने की तैयारी है।
बन सकता है डिजिटाइजेशन फंड
अधिकारी के अनुसार कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, कि उसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। साथ ही लोगों को प्लास्टिक कार्ड से खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसी को देखते हुए एक डिजिटाइजेशन फंड बनाने पर विचार किया जा रहा है। जिसका इस्तेमाल अगले दो साल में देश भर में 10 लाख से ज्यादा पीओएस मशीन लगाने में किया जा सकता है। अधिकारी के अनुसार इसके लिए एक सुझाव आया है कि टेलीकॉम सेक्टर में जिस तरह यूएसओ फंड बनाया गया है, वैसा बैंकिंग सेक्टर के लिए भी बने। फंड का इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में विस्तार के लिए किया जाएगा।