PUBLISHED : 18-Jul-2016
नई दिल्ली: व्यापारियों के प्रमुख संगठन कैट का कहना है कि कालेधन से निपटने के लिए सरकार को 'कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था' की अवधारणा को अपनाना चाहिए न कि 'नकदी रहित अर्थव्यवस्था' पर जोर देना चाहिए।
कैट ने यह सुझाव कालेधन पर गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) की उस सलाह पर दिया है, जिसमें उसने तीन लाख रुपये से अधिक के लेनदेन को प्रतिबंधित करने को कहा है।
संगठन ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपील की है कि कालेधन पर लगाम लगाने के अपने अभियान में वे पहले 'कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था' पर ध्यान केंद्रित करें।
कैट ने कहा है, 'कालेधन पर लगाम लगाना निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हम इस संबंध में सरकार के सभी कदमों व कार्रवाइयों का समर्थन करते हैं। लेकिन इन कदमों की शुरुआत पहले कम नकदी वाला समाज बनाने की नीतियों के साथ होनी चाहिए। बाद में हम नकदीरहित समाज की ओर बढ़ सकते हैं।'
( यह खबर सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)