PUBLISHED : 23-Jun-2016
सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दे दी। सात फ्रीक्वेंसी में होने वाली स्पेक्ट्रम की इस नीलामी से 5.66 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। नीलामी से कंपनियों को चीन के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन बाजार में उच्च गति वाले 4जी वॉइस और डेटा सर्विस के विस्तार में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, यह देश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी नीलामी हो सकती है। इसकी मंजूरी सरकार ने दी है।
हालांकि, उन्होंने नीलामी के लिये समयसीमा नहीं बताई। स्पेक्ट्रम की यह नीलामी 700 मेगाहटर्ज, 800 मेगाहटर्ज, 900 मेगाहटर्ज, 1800 मेगाहटर्ज, 2100 मेगाहटर्ज, 2300 मेगाहटर्ज तथा 2500 मेगाहटर्ज बैंडों में होगी।
जेटली ने कहा कि सरकार ने कंपनियों द्वारा दिये जाने वाले स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) दूरसंचार नियामक ट्राई के पास वापस भेजने का फैसला किया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एसयूसी के रूप में तीन प्रतिशत सालाना आय का प्रस्ताव किया था। इस सिफारिश का अंतर-मंत्रालयी समिति दूरसंचार आयोग ने भी समर्थन किया।
हालांकि, सरकार के मुख्य विधि अधिकारी मुकुल रोहतगी ने ब्राडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) प्रदाताओं के लिये एसयूसी बढ़ाने के खिलाफ राय दी है जो फिलहाल एक प्रतिशत है। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इनफोकाॠम बीडब्ल्यूए प्रदाता है। जेटली ने कहा कि ट्राई की राय फिर से ली जाएगी क्योंकि महान्यायवादी के विचार बाद में आये हैं। सूत्रों ने कहा कि ट्राई एक महीने में अपनी सिफारिशें दे सकता है।