PUBLISHED : 09-Feb-2013
संसद पर वर्ष 2001 के आतंकवादी हमले में दोषी जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में बेहद गोपनीय तरीके से फांसी दे दी गई। पांच दिन पहले राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि राष्ट्रपति ने तीन फरवरी को अफजल की दया याचिका खारिज कर दी थी और उसके बाद चार फरवरी को मैंने उसे मंजूरी दे दी तथा एक न्यायिक अधिकारी ने दिन और समय की पुष्टि कर दी। उसे आज सुबह आठ बजे फांसी दी गई।
उत्तरी कश्मीर के सोपोर निवासी 43 वर्षीय अफजल को विशेष अदालत ने संसद हमला मामले में वर्ष 2002 में फांसी की सजा सुनाई थी जिसे वर्ष 2005 में उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा था।
अफजल को आज सुबह आठ बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिए जाने के बाद उसके शव को जेल परिसर में ही दफना दिया गया।
इस बीच, अफजल को फांसी दिए जाने की पृष्ठभूमि में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होने की आशंका के चलते समूची कश्मीर घाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया और सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पुलिस महानिदेशक अशोक प्रसाद तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी आज तड़के जम्मू पहुंच कर खुद कानून व्यवस्था की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
किसी जमाने में फलों का कारोबार करने वाले अफजल को 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमला मामले में हमले की साजिश रचने तथा हमलावर आतंकवादियों को पनाह देने का दोषी ठहराया गया था। इस हमले में नौ लोग मारे गए थे।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अफजल को फांसी दिए जाने के बाद बताया कि अफजल गुरु को सुबह आठ बजे फांसी दी गई।विमला मेहरा (महानिदेशक जेल) ने बताया कि अफजल की सेहत ठीक थी और उसे मजिस्ट्रेट, डॉक्टर तथा जेल के अन्य अधिकारियों के समक्ष फांसी दी गई। वह सुबह जल्दी उठ गया था और उसे आम दिनों की तरह भोजन दिया गया।
तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफजल को सुबह साढ़े सात बजे फांसी के तख्ते पर ले जाया गया और उस समय वह बेहद शांत और स्थिर चित्त लग रहा था। अफजल को फांसी के तुरंत बाद जेल नंबर तीन के समीप दफनाया दिया गया।
केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के सोपोर में रह रहे अफजल के परिजनों को सरकार के इस फैसले के बारे में बता दिया गया था कि उसकी दया याचिका खारिज कर दी गई है।
13 दिसंबर 2001 को हथियारों से लैस पांच आतंकवादियों ने संसद भवन परिसर में घुसकर हमला बोला था। आतंकवादियों द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी में दिल्ली पुलिस के पांच कर्मचारी, सीआरपीएफ की एक महिला कर्मचारी, संसदीय वाच एंड वार्ड के दो कर्मचारी तथा एक माली की मौत हो गई थी।
इस हमले में घायल एक पत्रकार की बाद में मौत हो गई थी। सुरक्षा बलों ने पांचों हमलावर आतंकवादियों को मार गिराया था। हमले के कुछ ही घंटों के भीतर अफजल को राष्ट्रीय राजधानी में एक बस से गिरफ्तार कर लिया गया।