PUBLISHED : 26-Jan-2016
नई दिल्ली। जून 2014 में 115 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुका ब्रेंट क्रूड को 27.10 डॉलर प्रति बैरल तक उतर चुका है, जो लगभग 13 साल का इसका निचला स्तर है। चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा उपभोक्ताओं को न देकर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर अपना वित्तीय घाटा लक्ष्य के भीतर रखने के प्रयास में है।
वर्ष 2015-16 में सरकार 4 बार उत्पाद शुल्क बढ़ा चुकी है और इससे चालू वित्त वर्ष में उसके खजाने में 13800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व आने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल में गिरावट के कारण भारतीय बॉस्केट में कच्चे तेल की कीमत 1633.49 रुपए प्रति बैरल (24.03 डॉलर प्रति बैरल) पर आ गया। एक बैरल 159 लीटर होता है।
अगर लीटर के संदर्भ में गणना की जाए तो यह 10.76 लीटर प्रति बैरल का पड़ेगा। लेकिन, केंद्र सरकार के पिछले साल नवंबर से जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में 4 बार और वित्त वर्ष के दौरान देश की लगभग सभी प्रदेश सरकार द्वारा वैट में दो से तीन बार बढ़ोतरी की गई है।