PUBLISHED : 05-Dec-2014
लाहौर. मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उल-दावा चीफ हाफिज सईद ने कश्मीर पर पुराना राग अलापते हुए कहा है कि कश्मीरियों से पाकिस्तानियों का खून का रिश्ता है, वे हमारे भाई हैं और उन्हें हमसे अलग नहीं किया जा सकता है। सईद ने यह भी कहा कि कश्मीर में हो रहे चुनाव जनमत संग्रह का विकल्प नहीं हो सकते।
गुरुवार को लाहौर की ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए आतंकी संगठन लश्कर के संस्थापक सईद ने कहा कि उसके 'जिहाद' को 'आतंकवाद' घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है। जमात-उल-दावा के दो दिन के अधिवेशन को संबोधित करते हुए सईद के निशाने पर अमेरिका भी था। उसने कहा, ''कुछ लोग पाकिस्तान को अमेरिका, वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ का गुलाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जमात-उल-दावा ऐसी किसी भी कोशिश को कामयाब नहीं होना देगा।''
दूसरी ओर, सूत्रों का यह भी कहना है कि तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने जमात नेतृत्व की अपील पर 4 दिसंबर को लाहौर बंद टाल दिया था।
पाकिस्तान का दावा, नहीं चलाई स्पेशल ट्रेन
दूसरी ओर, पाकिस्तान सरकार ने उन खबरों को खारिज किया गया कि जिनमें कहा गया था कि नवाज सरकार ने जमात के इस सम्मेलन में भाग लेने वाले लोगों के लिए दो स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा, "जिस तरह की खबरें भारतीय मीडिया चला रहा है, वो बेबुनियाद हैं।" बता दें कि पीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तानी रेलवे ने सईद के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों के लिए सिंध प्रांत के हैदराबाद से और कराची से दो विशेष ट्रेनें चलाई थी। पीटीआई ने पाक रेलवे के सूत्रों के हवाले से कहा था कि जमात नेतृत्व ने पाकिस्तान के रेल मंत्री शाद रफीक से दो विशेष ट्रेनें चलाने की मांग की थी, जिसे मान लिया गया था।
उल्लेखनीय है कि हाफिज सईद का नाम भारत के टॉप-10 मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शुमार है। सईद ने नवंबर 2008 में मुंबई हमले की पूरी तैयारी की थी। रणनीति उसकी थी और वह हमले को पाकिस्तान से गाइड भी कर रहा था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन सईद जिस पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया है, पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है और रैलियां करता है। वह अक्सर भारत विरोधी बयान देता है। जबकि पाकिस्तान का कहना है कि सईद पर कोई केस नहीं है और इसलिए वह पाकिस्तान में कहीं भी आने-जाने और रैलियां करने के लिए स्वतंत्र है।
इसी साल अमेरिका ने जमात-उल-दावा को आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल किया था। संगठन के प्रमुख होने के चलते इस लिस्ट में सईद का भी नाम है।